रन फॉर यूनिटी में दमोह दौड़ा एकता के रंग मे

दमोह देश के लौहपुरुष और भारत की एकता के शिल्पकार सरदार वल्लभभाई पटेल की 150 वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय दमोह में “रन फॉर यूनिटी” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर और पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का संदेश दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय एकता की शपथ के साथ हुई। इसके बाद पुलिस बैंड की धुनों पर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के नारों के बीच दौड़ का हरि झंडी दिखाकर शुभारंभ किया गया। दौड़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई कलेक्ट्रेट परिसर तक संपन्न हुई।
दौड़ में जिलेभर के सैकड़ों छात्र-छात्राएं, पुलिसकर्मी, एनसीसी कैडेट्स, स्वयंसेवी संगठन और नागरिक उत्साहपूर्वक शामिल हुए। हाथों में राष्ट्रीय ध्वज और बैनर लिए प्रतिभागियों ने सरदार पटेल के एकता संदेश को जीवंत कर दिया।कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार पटेल ने जिस दृढ़ इच्छाशक्ति से देश की रियासतों का विलय कराया, वह आज भी सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।
उन्होंने कहा, यह केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि हमारी एकता, अनुशासन और समर्पण की भावना का प्रतीक है। युवाओं को पटेल जी के जीवन से प्रेरणा लेकर देश निर्माण में योगदान देना चाहिए।एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने कहा कि सरदार पटेल जनता के सच्चे प्रहरी थे, जिन्होंने संगठन और अनुशासन की मिसाल पेश की। उन्होंने कहा,आज जरूरत है कि हम सब समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बनाए रखें।
जब समाज संगठित रहेगा, तभी देश मजबूत रहेगा।दौड़ में पुलिस बल की महिला अधिकारियों और जवानों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। शहर के नागरिकों ने प्रतिभागियों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन पर सभी ने राष्ट्रीय एकता की शपथ ली और देशभक्ति गीतों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।आयोजन में एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र, स्काउट-गाइड और विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने अनुशासित ढंग से भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
अंत में प्रतिभागियों को अल्पाहार और प्रमाणपत्र वितरित किए गए।कलेक्टर और एसपी दोनों ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन हमें सिखाता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए। एकता और अनुशासन ही भारत की असली ताकत है।दमोह में आयोजित यह “रन फॉर यूनिटी” न केवल एक कार्यक्रम रहा, बल्कि एकता, देशभक्ति और समर्पण की भावना का सशक्त संदेश बनकर उभरा।










जब तक सुरज चाँद रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा