दमोह। पिछले कुछ दिनों से देहात थाना पुलिस की कार्यप्रणाली लगातार सवालों के घेरे में है। इसी बीच एक और मामला सामने आया है, जिसने विभागीय ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, 18 अक्टूबर को हटा नाका के समीप एक तेज रफ्तार ट्रक (एमपी 34 जेडडी 3346) ने देहात थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक अखिलेश तिवारी को टक्कर मार दी थी। हादसा इतना भयावह था कि आरक्षक की बाइक ट्रक के नीचे आ गई, हालांकि उन्होंने समय रहते छलांग लगाकर अपनी जान बचा ली। जबकि इस घटना के ठीक पहले ट्रक ने साहू तिराहा के समीप एक ऑटो रिक्शा को टक्कर मारी थी। इसी सूचना पर प्रधान आरक्षक अखिलेश ट्रक का पीछा कर रहे थे। चालक ने जब पाया कि पुलिस उसे पकड़ना चाह रही है, तो उसने अखिलेश को रौंदने का प्रयास किया।
घटना के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन सागर नाका चौकी पुलिस ने पीछा कर कुछ किलोमीटर दूर ट्रक को जब्त कर चालक को पकड़ लिया। चौकी प्रभारी ने रोहित िदवेदी ने बताया उन्होंने ट्रक पकड़कर देहात थाना में खड़ा करवा दिया था। इधर, गंभीर रूप से घायल अखिलेश तिवारी को जिला अस्पताल से जबलपुर रेफर किया गया, जहां वह इलाजरत हैं।
ट्रक मालिक पर मेहरबान पुलिस!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे में शामिल ट्रक दमोह के ही एक प्रमुख रेत कारोबारी का बताया जा रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ट्रक चालक के पास वैध लाइसेंस तक नहीं था।
लेकिन जब यह तथ्य सामने आया, तो देहात थाना में पदस्थ कुछ पुलिस कर्मियों ने पैसों की जुगाड़ में मामला दबाने की कोशिश शुरू कर दी।
सूत्रों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कुछ पुलिसकर्मी स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से “सेटिंग” में जुट गए, ताकि ट्रक मालिक पर कार्रवाई न हो सके। बताया जा रहा है कि जनप्रतिनिधियों ने इस गैरजिम्मेदाराना रवैये पर नाराजगी भी जताई है। बताया गया है कि पुलिस कर्मी द्वारा धमकाया गया था, कि मामले में हत्या का प्रयास का प्रकरण दर्ज कर देंगे।
प्रशासन मौन, जिम्मेदारी अनिश्चित
इस पूरे मामले में सीएसपी एच.आर. पांडे ने कहा कि “मैं मामले को दिखवा रहा हूं। बहरहाल, जब विभाग के ही कर्मचारी के साथ ऐसा हादसा होता है और थाने के ही कुछ पुलिसकर्मी सौदेबाज़ी में उतर आते हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद किससे की जाए।
पटाखा जब्ती पहले से चर्चाओं में
दीपावली से ठीक चार दिन पहले हटा नाका के समीप से ही देहात थाना पुलिस ने एक रहवासी मकान पर छापामार कार्रवाई करते हुए पटाखा जब्त किया था। इस मामले में दो आरोपी बनाए गए, जिसमें एक मकान मालिक शुभम पटेल और दूसरा पटाखा कारोबारी शुभम साहू शामिल है। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि देहात थाना पुलिस ने यह कार्रवाई तब की थी, जब मामले में लेनदेन के प्रयास कर रहे पुलिस कर्मियों की जानकारी महकमें के आलाधिकारियों तक पहुंची। तो सीधे कार्रवाई के निर्देश दिए। लेकिन, यहां भी पुलिस सूत्र बताते हैं कि पटाखा जब्ती में गडबड़ी की गई साथ ही मामले में अधिक कठोर कार्रवाई नहीं करने के नाम पर सौदाबाजी हुई।









