दमोह। शहर के धरमपुरा वार्ड में मुक्तिधाम के पास काटी गई अवैध कॉलोनी में रास्ते को लेकर उपजे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में नया बाजार नंबर 2 निवासी नबी बख्श सौदागर सहित तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि कॉलोनी में पुलिया निर्माण के दौरान उस चबूतरे को क्षतिग्रस्त कर दिया गया जहां पर परंपरागत रूप से शव यात्रा के दौरान शव को ठहराया जाता था। इस घटना से स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
बजरिया चौकी प्रभारी राकेश पाठक ने बताया कि जांच के दौरान नबी बख्श एवं अन्य आरोपियों की भूमिका स्पष्ट पाई गई। इसी आधार पर उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 295 सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। चौकी प्रभारी के अनुसार, अवैध रूप से नाली पर कब्जा कर बनाई गई पुलिया और चबूतरे को तोड़ने की घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई थी।
मामले में वार्ड पार्षद एवं स्थानीय नागरिकों की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की थी। जांच में यह भी सामने आया कि विवादित भूमि पर काटी गई कॉलोनी कानूनी स्वीकृति के बिना विकसित की गई थी।
इधर, आरोपी नबी बख्श सौदागर ने सफाई देते हुए कहा कि पुलिया का निर्माण उस व्यक्ति ने कराया था जिसे प्लॉट बेचा गया था, न कि उनके द्वारा। हालांकि पुलिस जांच में नबी बख्श को मुख्य कॉलोनाइज़र मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
घटना की पृष्ठभूमि
यह विवाद 13 अक्टूबर की सुबह उस समय भड़का जब लोगों ने मुक्तिधाम मार्ग पर स्थित चबूतरे को टूटा पाया। देखते ही देखते स्थानीय लोग बड़ी संख्या में एकत्र हो गए। सूचना पर एसडीएम आर.एल. बागरी, तहसीलदार राबिन जैन, कोतवाली टीआई मनीष कुमार और चौकी प्रभारी राकेश पाठक मौके पर पहुंचे। जांच में पुलिया का निर्माण अवैध पाया गया। एसडीएम ने नगर पालिका को तत्काल चबूतरे की मरम्मत के निर्देश दिए और तहसीलदार को जमीन का सीमांकन कराने के आदेश दिए।
प्रशासनिक जांच के बाद पुलिस ने अब इस पूरे प्रकरण में धार्मिक भावना आहत करने के पहलू को सही मानते हुए नबी बख्श सौदागर एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि आगे गिरफ्तारी की कार्रवाई कर मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा और विवेचना के दौरान प्राप्त नए तथ्यों के आधार पर आगे की वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।









