दमोह . पटेरा थाना के ग्राम सतरिया में युवक से जबरन पैर धुलवाकर पानी पिलाने के मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने इस घटना को घृणित और अविश्वसनीय कृत्य बताते हुए दमोह पुलिस व प्रशासन को आदेश दिया है कि वीडियो में दिख रहे सभी आरोपियों की पहचान कर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम एनएसए के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए।
बता दें की सोमवार को हुई सुनवाई में दो न्यायमूर्ति की खंडपीठ ने कहा कि यह घटना न केवल मानवीय गरिमा के खिलाफ है, बल्कि समाज में जातीय वैमनस्य को बढ़ावा देने वाली है। अदालत ने यह भी टिप्पणी की है कि मध्य प्रदेश में जातीय हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और समाज अपनी जातीय पहचान में उलझता जा रहा है, जिससे हिंदू समाज भीतर से कमजोर हो रहा है।
अदालत ने कहा कि चूंकि यह घटना मंदिर परिसर में हुई, इसलिए एफआईआर में धारा 196(2) के साथ बीएनएस की धारा 351 और 133 भी जोड़ी जाए।
पुलिस अधीक्षक दमोह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय को आश्वासन दिया कि सभी आवश्यक धाराएं जोड़ी जा रही हैं।
गौरतलब है कि ग्राम सतरिया में युवक ने एक मीम पोस्ट किया था, जिसके बाद पंचायत ने उसे जबरन बुलाकर पैर धुलवाए और वह पानी पिलाया था। अदालत ने कहा कि ऐसी घटनाओं से समाज में असहिष्णुता और जातीय विभाजन बढ़ रहा है, जिसे रोकना जरूरी है। वहीं मामला अब 15 अक्टूबर 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।