दमोह।
शहर के अस्पताल चौराहा पर मंगलवार दोपहर उस समय हंगामा और अफरा-तफरी मच गई, जब पांच दिन से लापता युवक शुभम विश्वकर्मा (22) का शव जिला अस्पताल की मर्चुरी में मिलने की खबर फैली। युवक की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने जिला अस्पताल के सामने चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शन के दौरान परिजनों और स्थानीय लोगों ने पुलिस व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब मौके पर पुलिस बल पहुंचा। जैसे ही पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के करीब पहुंचे, गुस्साई महिलाओं ने चप्पलें निकालकर पुलिस पर हमला कर दिया। कुछ पुलिसकर्मी चप्पलों की मार से बचने की कोशिश करते नजर आए, वहीं अधिकारी खुद को बचाने के लिए पीछे हट गए।
जानकारी के अनुसार, शुभम विश्वकर्मा नोहटा थाना क्षेत्र के रौंड गांव का निवासी था, जो पांच दिन पहले लापता हुआ था। परिवार ने कोतवाली थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया गया कि शुभम का सड़क हादसे में घायल होने के बाद जिला अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना न तो पुलिस को दी और न ही परिजनों को।
अस्पताल प्रशासन ने शव को अज्ञात के रूप में मर्चुरी में रखवा दिया, जबकि पुलिस को पांच दिन तक इसकी जानकारी तक नहीं थी। परिजनों ने जब शव देखा, तो पहचान की और पुलिस की लापरवाही पर आक्रोश जताते हुए सड़क पर उतर आए।
प्रदर्शन के बाद वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। देर शाम तक चक्का जाम जारी रहा। मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं।